Lahsun Ki Kheti लहसुन की खेती के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में और साथ ही लहसुन की प्रमुख किस्मे भी आपको हम आज के इस लेख में बताने वाले है तो आप इस लेख को पूरा जरुर पढियेगा। प्रिय किसान भाइयो लहसुन की खेती भारत में खाद्य मसालों के रूप में की जाती है और लगभग सभी प्रकार के चटपटे खाद्य पदार्थो में लहसुन का तड़का जरुर लगाया जाता है।
लहसुन खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है इसलिए इसकी मांग बाजार में वर्ष भर बनी रहती है। लहसुन की खेती करने पर किसान को अच्छा मुनाफा भी मिलता है साथ ही लहसुन के अत्यधिक उत्पादन से सरकार लहसुन का निर्यात भी दुसरे देशो के साथ करती है जिससे विदेशी आय में भी बढ़ोतरी होती है।
भारत और भारत के पडोसी देश चीन में लहसुन की खेती बहुत लंबे समय से की जा रही है और लहसुन फसल की उत्पति भी एशिया महाद्वीप से मानी जाती है लहसुन में कई गुणवता के स्रोत जैसे प्रोटीन, फास्फोरस, केल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, और कार्बोहाईड्रेड आदि गुणवान तत्व पाए जाते है और यह हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक भी है।
क्या है इस आर्टिकल मे
लहसुन की प्रमुख किस्मे Lahsun Ki Kheti
किसान साथियों लहसुन की किस्मो की बात करे तो यह आकार के आधार पर वातावरण व मिटटी तथा जलवायु के आधार पर अलग अलग किस्मो में बांटी जाती है
- उटी लहसुन
- अमरेटा लहसुन
- देशी लहसुन
- बढ़िया फूल गोला लहसुन
- मीडियम लहसुन
- छरी लहसुन
- बढ़िया लड्डू लहसुन
- गोदावरी लहसुन
- भीमा ओमेरी लहसुन
- G2 क्वालिटी लहसुन
लहसुन की खेती कैसे करते है Lahsun Ki Kheti
प्रिय किसान साथियों अब हम बात करेंगे लहसुन की खेती की पूरी जानकारी की जैसे जलवायु, तापमान, मिटटी, सिंचाई, रुपाई, कटाई, आदि के बारे में।
भूमि को तेयार कैसे करे
किसान साथियों लहसुन की खेती करने से पहले आपको भूमि को सही करना होगा प्रति हेक्टेयर भूमि के हिसाब से 2 से 3 ट्रोली पकी हुई गोबर खाद देनी चाहिए। लहसुन की खेती करने से पहले 2 बार अच्छे से खेत की जुताई कर ले और रोटेवर की मदद से भूमि को समतल कर कर ले।
प्रति हेक्टेयर बीज की मात्रा Lahsun Ki Kheti
लहसुन की खेती के लिए प्रति हेकड बीज की मात्रा की बात करे तो लगभग प्रति हेकड़ 160 से 170 किलोग्राम लहसुन की कलियों की आवश्यकता होती है। इतनी मात्रा में लहसुन की कलियों की रुपाई करने पर आपको प्रति हेक्टेयर अच्छा उत्पादन लहसुन की खेती में देखने को मिल जायेगा।
बीज का उपचार Lahsun Ki Kheti
किसान साथियों लहसुन की खेती के लिए आपको लहसुन के बीज का उपचार जरुर करना चाहिए जिससे बदलते मौसम के हिसाब से फेलती हुई फसली बीमारियों का शिकार आपकी फसल न हो सके। लहसुन की फसल में मुख्य रूप से सडन या फंगस की बिमारिया उत्पन्न हो जाती है जो की बदलते मौसम और वातावरण के कारण उत्पन्न होती है।
लहसुन की खेती करने का समय
किसान साथियों लहसुन की खेती करने के लिए उपयुक्त समय की बात करे तो सितंम्बर से अक्टुम्बर महीने के मध्य ही लहसुन की खेती करनी चाहिए। सितमबर माह की शुरुआत से लेकर आप अक्टुम्बर माह के अंत तक लहसुन की खेती कर सकते है।
उपयुक्त जलवायु / तापमान
किसान भाइयो लहसुन की खेती के लिए तापमान की बात की जाए तो वायुमंडल का तापमान न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 35 से 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान बहुत अनुकूल व उपयुक्त माना गया है।
लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी
किसान भाइयो लहसुन की खेती में उपयुक्त मिटटी की बात की जाए तो जीवाश्म युक्त सभी प्रकार की मिटटी में आप लहसुन की खेती कर सकते है। याद रखे मिटटी बिलकुल समतल हो मिटटी में किसी भी प्रकार के कंकरीट ना हो तथा मिटटी में जलभराव न हो साथ ही मिटटी के ph मान की बात करे से 5.5 से 7 ph तक का मान मिटटी का होना चाहिए।
बुवाई प्रक्रिया Lahsun Ki Kheti Kaise Kare
लहसुन की बुवाई या रुपाई दो तरीको से होती है एक तरीके से किसान या मजदुर हाथो से लहसुन की कलियों की रुपाई करता है और दुसरे तरीके से ट्रेक्टर से लहसुन की कलियों की बुवाई कराई जाती है। आप किसी भी माध्यम से लहसुन की खेती करे लेकिन याद रखे लहसुन की कलियों की आपसी दुरी 2 से 3 इंच तक होना जरुरी है और लाइन की दुरी भी 2 से 3 इंच तक होना जरुरी है जिससे मिटटी के अंदर लहसुन की कलियों को विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
खरपतवार नियन्त्रण
किसान साथियों लहसुन की खेती में आपको कम से कम 2 बार फसल की निराई व गुड़ाई जरुर कर लेनी चाहिए पहली निराई गुड़ाई आपको फसल लगाने के 30 से 35 दिन बाद करनी चाहिए और दूसरी निराई गुड़ाई फसल 50 से 60 दिनों की होने पर करनी चाहिए। ताकि लहसुन के कन्दो का जनिम के अंदर विकास हो सके।
सिंचाई प्रक्रिया
किसान साथियों आपको लहसुन की खेती में नियमित रूप से 8 से 10 दिन अन्तराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए सिंचाई हो हिसाब से ही करना चाहिए ज्यादा पानी भरने से लहसुन के कंद में सडन पैदा हो सकती है जहा तो संभव हो लहसुन की खेती में सिंचाई फवारा से ही करनी चाहिए।
लहसुन निकालने का समय
किसान साथियों लहसुन की खेती 4 महीनो के अंदर पककर तेयार हो जाती है बुवाई से लेकर लहसुन निकालने की पूरी प्रक्रिया में लगभग 4 महीने का समय लगता है आप लहसुन को हलकी धुप में सुखाकर भंडारण भी कर सकते है।
लहसुन खेती के प्रमुख रोग
बेंगनी धब्बा रोग – किसान साथियों यह रोग लहसुन की पत्तियों पार बेंगनी धब्बे के रूप में होता है इस रोग के फेलने की गति अति तीव्र है यह आपकी पूरी फसल को खराब कर सकता है। इस रोग से अपनी फसल को बचाने के लिए आपको Mancozeb दवा का प्रयोग 2.5 लीटर के हिसाब से छिडकाव करना चाहिए। फफूंदी रोग – लहसुन की फसल में इस रोग के कारण सफेद फफूंदी छा जाती है इससे बचने के लिए आपको 2 ग्राम/ लीटर पानी की दर से दवा का छिडकाव 10 दिन के नियमित अन्तराल पर करना चाहिए।
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देश में लहसुन का उत्पादन
किसान साथियों हमारे देश में सबसे ज्यादा लहसुन का उत्पादन गुजरात राज्य में होता है और दुसरे नम्बर पर मध्यप्रदेश राज्य का नाम आता है। भारत वर्षो से लहसुन का निर्यातक देश रहा है।
लहसुन उत्पादन वाले देश
किसान भाइयो आपको बता दे लहसुन का सबसे ज्यादा उत्पादन पूरी दुनिया में सिर्फ चीन करता है सलाना उत्पादन 20 लाख टन है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक देश है भारत में सालाना लगभग 11.50 लाख टन का उत्पादन होता है। लहसुन के दो बड़े उत्पादक देशो के अलावा और भी देश लहसुन का उत्पादन अपने स्तर पर करते है जैसे – मिस्र, अमेरिका,कोरिया,ब्राजील,ईरान,रूस,बांग्लादेश,अर्जेंटीना आदि देश अपने अपने स्तर पर लहसुन का उत्पादन करते है।
तो प्रिय किसान साथियों यह था हमारा आज का लहसुन की खेती कैसे करे Lahsun Ki Kheti Kaise Kare का लेख। उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेन्ट करके बता सकते है हमारी टीम जल्द ही आपके सवाल का जवाब देगी। इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपका दिन शुभ हो।
लहसुन की खेती से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ सवाल ( FAQs ) –
लहसुन की खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी अच्छी रहती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच माँ 5.8 से 6.5 के मध्य होना चाहिए। काली ओर बलुई मिट्टी मे भी इसकी खेती की जा सकती है। अगर मिट्टी मे पोटाश की मात्रा अधिक हो तो इसकी पैदावार मे कई गुणा की बढ़ोतरी हो जा है।
लहसुन की बुवाई के तत्काल बाद हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। शेष समय मे वानस्पतिक वृद्धि के समय 7-8 दिन के अंतराल पर तथा फसल परिपक्वता के समय 10 से 15 दिन के अंतर पर सिंचाई करते रहना चाहिए। सिंचाई हमेशा हल्की एंव खेत मे पानी भरने नहीं देना चाहिए। अधिक अंतराल पर सिंचाई करने से कलिया बिखर जाती है।
लहसुन की बुवाई के बाद अच्छी देखभाल करने पर यह फसल 140 से 150 दिन मे पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म मे किसानों को प्रति हेक्टेयर 175 से 200 क्विंटल तक की उपज प्राप्त हो जाती है।
1 अकड़ मे अनुमानित लहसुन की पैदावार की बात की जाए तक एक एकड़ मे आपको 40 से 45 क्विंटल तक की पैदावार मिल जाती है।