Krishi Economy Deta भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था के आकडे की बात करे तो कृषि भारतीय इतिहास का देश की उन्नति, प्रगति, तररकी, ओर विकास मे अपनी बहुत बाड़ी भूमिका रखता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों मे कृषि विकास दर कम जरूर हुई है किसानों का कृषि के प्रति लगाव भी कम हुआ है तथा युवा वर्ग भी कृषि की तरफ आकर्षित नहीं हो पा रहा है।
लेकिन दोस्तों आपको बता दे भारतीय कृषि क्षेत्र पिछले कुछ सालों मे भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर मे फायदा प्रदान कर रहा है। कोरोना महामारी के इस दौर मे सिर्फ ओर सिर्फ कृषि क्षेत्र ही उत्पादन तथा निर्यात के विकल्प पर खरा उतर रहा है। 2020 अप्रेल से जून के दौरान कृषि ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र था जिसमे ग्रोथ पाई गई थी। जबकि जुलाई से सितंबर तक भारत की जीडीपी 7.5% गिरावट के साथ दर्ज की गई थी। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 3.4% तक बढ़ी है इतना ही नहीं दोस्तों 2019-20 मे समग्र आर्थिक विकास मे कृषि क्षेत्र का योगदान ओधोगिक क्षेत्र ज्यादा योगदान देने का काम भी भारतीय कृषि क्षेत्र ने किया है ओर यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
दोस्तों आपको बता दे भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त 2020 मे प्रकाशित 2019-20 के आँकडो की आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमे बताया गया की अन्य क्षेत्रों के द्रष्टिकोण से कृषि क्षेत्र के समग्र देश के आर्थिक विकास मे योगदान 15.2% से भी ज्यादा था जबकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल मे 2 लगातार सूखे की समस्या से कृषि क्षेत्र के विकास मे काफी गिरावट आ गई थी लेकिन अगले 2 साल मे भरपूर वर्षा होने से मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल मे कृषि क्षेत्र मे काफी बदलाव तथा सुधार आया ओर सूखे से हुए नुकसान की भरपाई भी हो गई।
सिर्फ खाद्यान फसलों के उत्पादन से ही कृषि क्षेत्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था मे अपना योगदान नहीं दिया है भारतीय अर्थव्यवस्था मे बागवानी कृषि का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है बागवानी फसलों के उत्पादन से कृषि क्षेत्र मे 40% jva 2019-20 मे 320.48 मिलियन टन से भी अधिक उत्पादन हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है की कृषि के इस क्षेत्र की यह तरक्की आउटलुक पर भारी पड़ती नजर आई है। दालों के उत्पादन मे वृद्धि प्रमुख रूप से वर्ष 2018-19 मे 9.94 मेट्रिक टन वर्ष 2019-20 मे 10.90 मेट्रिक टन का उत्पादन हुआ है जो की भारत को दूसरे देशों से आयात करने की निर्भरता कम करने का काम किया है। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना मे देश के लाखों गरीब परिवारों को प्रोटीन उपलब्ध करवाने मे भी मदद की है।
दोस्तों आपको बता दे नई दिल्ली स्थित एक्रियर के एक वरिष्ठ फ़ेलो सिराज हुसेन ने कहा की 2020 मार्च ने कोरोना महामारी की मार झेलने से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2019-20 की दूसरी तिमाही मे गिरावट देखने को मिली थी। ओर मंदी का रुप ले लिया था। लेकिन इसके बावजूद भारतीय कृषि क्षेत्र ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कृषि जीडीपी वृद्धि दर अधिक है कृषि निर्यात विशेष तौर से 2020-21 मे चावल के निर्यात को बढ़ावा मिला है ओर अच्छा प्रदर्शन भी किया है जिससे पिछले 2 सालों मे दाल व चावल की कीमत अधिक पाई जा रही है ओर भारत के किसानों को इसका भरपूर लाभ भी मिल रहा है इसलिए देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कृषि क्षेत्र बेहतरीन विकल्प साबित हो रहा है। जबकि दूध, मुर्गीपालन, मक्का के उत्पाद की कीमतों मे गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है।
अप्रेल से सितंबर 2020 के दौरान कृषि निर्यात 43.4% से बढ़कर 53626.6 करोड़ रुपये हो गया था जबकि पिछले साल 2019 मे इसी समय मे यह 37397.3 करोड़ रुपये था। इस समय के दौरान प्रमुख वस्तुओ के निर्यात मे वृद्धि हुई है मूंगफली 35%, परिष्कृत चीनी 104% गेंहू 206% बासमती चावल 13% ओर गैर बासमती चावल 105% तक बढ़ा है। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसदलों के लिए मूल्य वसूली ने उत्पादकों को अच्छा खासा लाभ प्रदान किया है। वर्तमान मे कपास की कीमत अप्रेल से दिसंबर तक 25% बढ़ाई गई थी। ताकि दलहन, सरसों, सोयाबीन, उगाने वाले किसान भाइयो को इसका अच्छा लाभ मिल सके।
कृषि अर्थव्यवस्था के आकडे कैसे बढ़े Krishi Economy Deta
- कृषि अर्थव्यवस्था के आकडे बढ़ने का प्रमुख कारण है किसान कृषि सेंटर पर कोरोना काल मे लॉक डाउन की बहुत काम पाबंदीया लगाई गई थी।
- प्रदेश मे इस वर्ष अच्छी बारिश होने का भी असर था।
- भारत मे कृषि क्षेत्र ने अकेले खुद जीडीपी मे अपना योगदान मे 3.4% की बढ़त हासिल की।
- छोटे बड़े गांवों मे प्रवासी मजदूरों तथा अच्छा मानसून पहुचने से भी कृषि क्षेत्र का विकास हुआ।
- समय समय पर किसानों की देशहीत नीतीया भी इसमे काफी भागीदार साबित हुई।
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किसानों पर इसका क्या असर पड़ा –
- कृषि विभाग के मुताबिक बढ़िया वर्षा ओर बुवाई मे वृद्धि से उत्पादन मे वृद्धि हुई।
- पिछले वर्षों की तुलना मे कुल बजट से 7.2% से भी अधिक बुवाई हुई है।
- वर्तमान समय मे देश की 70% जनता किसानी तथा कृषि क्षेत्र मे अपना भविष्य बनाने मे लगे हुए है इससे भी अर्थव्यवस्था मे सुधार आया है।
- दोस्तों कृषि क्षेत्र के इतने बढ़िया तररकी के बाद भी जोखिम है जो कृषि क्षेत्र के विकास मे बाधा उत्पन्न कर सकते है।
- जीडीपी मे कृषि क्षेत्र का योगदान वर्ष 2020 मे बहुत बेहतरीन रहा लेकिन किसानो की आय दोगुनी होने मे कई बाधाये भी उत्पन्न हो गई है।
तो दोस्तों हमने आपको भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था Krishi Economy Deta के आकड़ों की जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी इसे शेयर जरूर कीजिएगा। कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेन्ट कर सकते है। लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Krishi Economy Deta FAQs –
सर्वेक्षण के आकड़ों के अनुसार, प्रति कृषि परिवार की राष्ट्रीय मासिक औसत आय 6426 रुपये है।
कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था का आधारभूत स्तम्भ माना जाता है। यह क्षेत्र न केवल भारत की जीडीपी मे लगभग 15% का योगदान करता है बल्कि भारत की लगभग आधी जनसंख्या रोजगार के लिए कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है। यह क्षेत्र द्वितीयक उद्योगों के लिए प्राथमिक उत्पात भी उपलब्ध करवाता है।
कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है जो न केवल इसीलिए की देश की अधिकांश जनसंख्या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्कि इसलिए भी भारत की आधी से भी अधिक जनसंख्या प्रत्यक्ष रूप से जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है।
कुल कृषि उत्पादन मे 80 % भाग खाद्यानों का होता है। 2 फसलो की विविधता – भारत मे जलवायु विषमता के करण कई प्रकार की फसले ली जाती है। एक ही खेत मे एक साथ अनेक फसले बोई जाती है। कृषि का पुराना ढंग – देश मे आज भी कृषि पुराने ढंग से की जाती है।