दोस्तों भारत मे नगदी फसलों की खेती मे प्रसिद्ध गुलाब की खेती Gulab Ki Kheti भी अपना स्थान रखती है। भारत प्रतिवर्ष हजारों टन गुलाब का निर्यात करता है। गुलाब की बहुत बड़े पैमाने पर हमारे देश मे खेती की जाती है इससे प्रतिवर्ष लगातार गुलाब की खेती मे व्यापार भी बढ़ रहा है। अमेरिका दुनिया का सबसे पहला देश है जिसने व्यापार के तौर पर सबसे पहले गुलाब की खेती की थी धीरे – धीरे अमेरिका के बाद कई दूसरे देशों ने भी गुलाब की खेती करना शुरू कर दिया। आज के इस लेख मे आपको गुलाब की खेती की प्री जानकारी दी जाएगी आप इस लेख को पूरा जरूर पढे।
गुलाब का वैज्ञानिक नाम –
दोस्तों गुलाब का वैज्ञानिक नाम है – Rosa Habrida ( रोजा हाईब्रीड़ा )
क्या है इस आर्टिकल मे
गुलाब खेती की जानकारी Gulab Ki Kheti
दोस्तों गुलाब के फूलो की खेती भारत के हर एक क्षेत्र में की जा सकती है। गुलाब की खेती में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए खेत की तैयारी, फसल की देख-रेख, बाजार भाव इन आदि पर ध्यान देना जरूरी है। गुलाब पुष्प सबसे खुबसुरत व सुगन्धित पुष्प है इसी कारण बाजार में गुलाब के फूलो की मांग सदेव बनी रहती है। देशी गुलाब की पहचान करने के लिए गुलाब के फुल का रंग देखकर आप पता क्र सकते है की यह देशी गुलाब का फुल है या ग्राफ्टेड है। वैसे देशी गुलाब के पुष्प का रंग लाल होता है और बाकि रंग बिरंगे गुलाब के फुल ग्राफ्टेड प्रजाति के है देशी गुलाब की खेती आपको कम से कम 10 साल तक गुलाब के पुष्पों का उत्पादन प्राप्त कर सकती है यह इसकी सबसे बड़ी खासियत है।10 साल बाद इनके उत्पादन में कमी आ जाती है।
आवश्यक तापमान व मिटटी
दोस्तों गुलाब की खेती Gulab Ki Kheti में तापमान की बात की जाए तो गुलाब कि खेती में दिन के समय 24 डिग्री सेल्सियस से ३२ डिग्री सेल्सियस तक का तापमान उचित माना गया है अगर आप पोली हाउस में गुलाब की खेती करते है तो गुलाब को दिन में 4 से 5 घंटे धुप की आवश्यकता होती है। ओर बात की जाए गुलाब की खेती में उपयुक्त मिटटी की तो दोस्तों गुलाब की खेती में दोमट मिटटी सबसे उपयुक्त मानी गयी है। लेकिन गुलाब की खेती में तापमान के अनुकूल सभी किस्मो की मिटटी भी उपयुक्त मानी गयी है।
गुलाब खेती में कुल लागत
दोस्तों गुलाब की खेती अन्य फसलो की खेती में काफी सस्ती सुंदर तथा लाभदायक है। अन्य फसलो की खेती में गुलाब की खेती कम लागत व कम समय में अधिक उत्पादन प्रदान करती है। इस खेती में कम से कम 10 सालो के लिए आप शुरुआत में बढ़िया खेती तैयार कर सकते है ताकि आपको बार बार इस खेती में लागत न लगे और आपको अच्छा उत्पादन भी मिल सके। प्रति हेकड गुलाब की खेती में लागत की बात की जाए तो 30 से 35 हजार रूपये प्रति हेकड गुलाब की खेती में लागत लगती है।
पौधे लगाने की विधि Gulab Ki Kheti
दोस्तों अगर आप गुलाब की खेती करना चाहते है और गुलाब के पौधे लगाना चाहते है तो आप इन पौधो को 2 प्रकार से लगा सकते है पहला तरीका नर्सरी विधि से और दूसरा तरीका कलम विधि से किसान को गुलाब की खेती में एक कतार से दूसरी कतार के मध्य 5 से 8 फिट की दुरी रखनी चाहिए जबकि एक पौधे से दुसरे पौधे के बीच की दुरी 2 से 3 फिट तक रखनी चाहिए।
सिंचाई की प्रक्रिया कब व कैसे करे
दोस्तों गुलाब की खेती में बात करे सिंचाई की तो आपको गुलाब के पौधे को हर 7 से 10 दिन के अन्तराल पर पानी देते रहना चाहिए लेकिन ध्यान रखे क्यारियों में पानी ज्यादा देर तक जमा न हो पाए खासतौर से वर्षा के दिनों में जलभराव का विशेष ध्यान दे लम्बे समय तक क्यारियों में पानी जमा न होने दे अगर ज्यादा देर तक क्यारियों में जलभराव रहता है तो इससे उत्पादन में भारी कमी देखने को मिल सकती है।
खाद बीज उर्वरक
दोस्तों बात की जाए गुलाब की खेती मे तो आपको सबसे ज्यादा अपना ध्यान खाद व्यवस्था मे ही केंद्रित करना चाहिए क्युकी दोस्तों गुलाब की खेती लंबे समय तक की जाने वाली खेती है। गुलाब की खेती मे आपको सबसे ज्यादा जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। जैविक खाद या देशी खाद गुलाब की खेती के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। अगर दोस्तों आप पोली हाउस मे गुलाब की खेती करते है तो आपको खाद की मात्रा अपने अनुभव के हिसाब से या कृषि विशेषग्य या कृषि सलाहकार से सलाह लेकर ही खाद उर्वरक का प्रयोग पोली हाउस मे गुलाब की खेती के लिए करे।
फसल की कटाई कब करे
दोस्तों गुलाब की फसल मे कटाई पौधे के विकास के लिए पौधे के बड़ा होने के लिए नई कलियों के विकास के लिए तथा नई पौध तैयार करने के लिए गुलाब की खेती मे कटाई की जाती है। गुलाब की खेती मे कटाई करने पर नई फूटन ओर उत्पादन मे वृद्धि देखने को मिलती है। दोस्तों गुलाब की खेती मे कटाई के समय की बात की जाए तो नवंबर से दिसंबर महिना उपयुक्त समय माना गया है गुलाब की कटाई के लिए।
गुलाब की खेती मे व्यापार Gulab Ki Kheti
दोस्तों गुलाब का फूल जितना देखने मे सुंदर ओर सुगंधित है उतना ही इसके ओषधीय गुण भी है जिसके कारण इसका उपयोग गुलाब व्यापार के लिए भी किया जाता है। दोस्तों गुलाब के फूलों का उपयोग गुलाब जल के रूप मे भी किया जाता है जिसे आपखों की रोशनी तेज करने के लिए भी गुलाब जल को आँखों मे डाला जाता है तथा इसका उपयोग सुगंधित इत्र के रूप मे भी किया जाता है। गुलाब जल का मूल्य बाजार मे न्यूनतम 60 रुपये है जबकि अधिकतम मे यह आपको 400 से 500 रुपये तक भी उपलब्ध हो जाता है।
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भारत मे गुलाब की खेती किन क्षेत्रों मे की जाती है
दोस्तों भारत मे गुलाब की मांग की पूर्ति के लिए प्रमुख रूप से तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओर आंध्रप्रदेश मे गुलाब की सर्वाधिक खेती की जाती है। इन राज्यों के से गुलाब की आपूर्ति देश के सभी राज्यों मे की जाती है तथा गुलाब का विदेशों मे निर्यात भी किया जाता है। दक्षिणी भारत मे मंगलकार्यों (शुभकार्यों) मे गुलाब के फूल को अधिक महत्व दिया जाता है। दोस्तों आपको बता दे देश मे गुलाब के फूलों पर आधारित हजारों कुटीर उधोग भी मौजूद है।
गुलाब की खेती के प्रति संभव सावधानीया
- गुलाब की खेती मे पौधे की सिंचाई का बहुत बड़ा महत्व होता है इसलिए समय समय पर उचित प्रबंधन के साथ पौधे की सिंचाई की जानी चाहिए।
- नियमित समय के अंतराल पर क्यारियों की निराई- व गुड़ाई करते रहना चाहिए।
- गुलाब की खेती मे खरपतवार व रशायनिक खाद का उपयोग कम मात्रा मे किया जाना चाहिए ताकि लंबे समय तक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
- दोस्तों गुलाब की खेती मे गुलाब के पौधे पर अधिकतम 4 से 5 टहनिया होनी चाहिए जो की 1 से 2 फिट की उचाई पर हो।
- गुलाब के पौधे की कटाई के बाद किट नाशक दवाई के पेस्ट को पौधे के कटे हुए हिस्से मे लेप जरूर लगाए।
- खेती मे मौसम के हिसाब से पौधों की सिंचाई समय समय पर जरूर करे।
- दोस्तों गुलाब की खेती मे क्यारियों मे वर्षा के दोनों मे ज्यादा समय तक जलभराव ना हो इसका विशेष ध्यान रखे।
गुलाब की खेती मे प्रमुख रोग Gulab Ki Kheti
दोस्तों आपको मालूम ही होगा आप किसी भी फसल कि खेती क्यू ना करे सब सफलों मे रोग जरूर उत्पन्न होते है उसी प्रकार गुलाब की खेती मे भी कुछ प्रमुख रोग है जिसने उत्पादन पर काफी ज्यादा असर पड़ता है।
- दीमक रोग
- माहू रोग
- सल्क किट रोग
तो दोस्तों हमने गुलाब की खेती Gulab Ki Kheti की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख से देने की कोशिश की है उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिएगा। कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेन्ट कर सकते है | लेख को पूरा पढ़ने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
गुलाब की खेती से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) –
आमतौर पर जुलाई-अगस्त मे मानसून आते ही गुलाब लगाया जाता है। सितंबर-अकटुम्बर मे तो यह भरपूर उगाया जाता है। गुलाब लगाने की सम्पूर्ण विधि ओर प्रक्रिया अपनाई जाए तो यह फूल मार्क तक अपने सोंदर्य, सुगंध, ओर रंगों से न के हमे सम्मोहित करता है बल्कि लाभ भी देता है।
बीज को अंकुरित होने मे 4 से 16 हफ्ते लग सकते है। ओर यह समय गुलाब की किस्म तथा हर बीज के लिए अलग-अलग हो सकता है।
गुलाब की बिक्री 300 से 500 रुपये प्रति किलो तक होती है। गेंदा 100 से 120 रुपये किलो तक बिकता है। बिजली का फूल 100 रुपये किलो मे जाता है।
गुलाब के लिए गोबर की खाद ओर अन्य पोषक तत्व को मिला कर मिट्टी तैयार करनी चाहिए। वही इन पौधों के लिए मिट्टी को नम रखा जाना चाहिए। इससे ये जल्द बढ़ेंगे। इन पौधों को आप काली ओर लाल मिट्टी मे उगा सकते है।