आम की खेती कैसे करे | आम की खेती | आम का उत्पादन | आम की किस्मे | आम की रुपाई | आम की तुड़ाई | जमीन की तैयारी | सिंचाई कब करे | रोगों का नियंत्रण | Aam Ki Kheti | Aam Ki Kheti Kaise Kare |
नमस्कार किसान साथियों आज के इस लेख मे हम बात करेंगे आम की खेती के बारे मे | आम की खेती कैसे करे | आम का उत्पादन | आम की खेती मे लागत | आम की खेती मे मुनाफा | आम की खेती के प्रमुख रोग | रोग नियंत्रण | रुपाई व कटाई कैसे व कब करे | इन सब बातों पर हम विस्तार से बात करेंगे | तो आप लेख को पूरा जरूर पढे | ओर जाने आम की खेती Aam Ki Kheti की पूरी जानकारी |
प्रिय किसान भाइयों आपको यह तो ज्ञात होगा ही की पूरे देश मे आम की खेती की जाती है ओर प्रतिवर्ष आम की खेती से किसानों को काफी अच्छा मुनाफा भी कमाने को मिल जाता है | आम को फलों का राज्य माना जाता है ओर आम स्वादिष्ट फलों मे से एक है | आम की अलग – अलग प्रजातीया होती है जिनमे आम के फल खट्टे व मीठे तथा रसीले तीनों प्रकार के होते है |
खट्टे आम को कच्चा आम कहा जाता है ओर कच्चे आम से स्वादिष्ट आचार, स्वादिष्ट चटनी ओर अनेक प्रकार के पेय के रूप मे किया जाता है | इसमे विटामिन a व विटामिन b पाया जाता है जो की सेहत के लिए काफी उपयोगी व लाभदायक है |
क्या है इस आर्टिकल मे
आवश्यक जलवायु ओर भूमि Aam Ki Kheti
किसान भाइयों आम की खेती को उष्ण व समशीतोषण दोनों प्रकार की जलवायु मे किया जा सकता है | किसान भाइयों आम की खेती को समुन्द्र तल से 600 मीटर की ऊंचाई पर आसानी से किया जा सकता है | इसके लिए 23.8 से 26.6 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान को उपयुक्त माना गया है | किसान भाइयों आम की खेती को हर प्रकार की मृदा मे आसानी से किया जा सकता है | लेकिन अत्यधिक बलुई मिट्टी, पथरीली मिट्टी, क्षारीय मिट्टी, तथा जलभराव वाली मिट्टी मे आम की खेती करना काफी कठिन काम है | सबसे उपयुक्त मिट्टी आम की खेती के लिए अच्छे जल के निकास वाली दोमट मिट्टी मानी गई है |
आम की किस्मे Aam Ki Kheti
किसान भाइयों आम की कई प्रजातीया है – भारत मे उगाए जाने वाली आम की किस्मों मे दशहरी, लगड़ा, चौसा, फजरी, बॉम्बे ग्रीन, अलफाँसों, तोतापरी, हिमसागर, किशनभोग, नीलम, सुवर्णरेखा, वनराज आदि आम की प्रमुख प्रजातीया है जिनकी खेती भारत मे की जाती है |
जमीन की तैयारी
किसान भाइयों आम की खेती करने के लिए आम के पौधों को उगाने से पहले जमीन मे खड्डे तैयार करने होते है वर्षा ऋतु के समाप्त होने पर आम के बाग लगाने चाहिए या आम के पौधे लगाने चाहिए| आम का पौधा लगाने से पहले जमीन मे 50 सेंटीमीटर व्यास ओर एक मीटर गहरा खड्डा को मई या जून महीने मे खोदकर उसमे 30 से 40 किलोग्राम प्रति खड्डे मे सड़ी हुई गोबर खाद डालनी चाहिए ओर 100 kg क्लोरोपाइरीफास पाउडर बुरककर मिट्टी को अच्छे से मिलकर गड्ढों को भर देना चाहिए| 2 से 3 मीटर की दूरी पर आम के गड्ढे खोदने चाहिए |
प्रवर्धन या प्रोपोगेशन Aam Ki Kheti
किसान भाइयों आम की खेती मे प्रवर्धन या प्रोपोगेशन करने के लिए आम के बीज यानि आम की गुठलियों को जून से जुलाई माह मे बुवाई करनी चाहिए आम की प्रवर्धन की विधि मे भेट कलम, विनियर, साफटवुड ग्राफटींग, प्रांकुर कलम, तथा बंडीग मुख्य है विनियर एंव साफ्टवुड ग्राफटींग द्वारा अच्छे किस्म के पौधे को कम समय मे ही तैयार कर लिया जाता है |
खाद एंव उर्वरक की मात्रा
किसान भाइयों बागों की 10 साल तक की उम्र मे प्रतिवर्ष उम्र के गुणांक मे नाइट्रोजन, पोटाश, व फास्फोरस प्रत्येक को 100 ग्राम प्रति पौधे के हिसाब से जून से जुलाई माह मे पेड़ के चारों तरफ बनाई गई नाली मे देना चाहिए |
इसके अलावा मृदा की भोतिक एंव रासायनिक दशा मे सुधार करने के लिए 25 से 30 kg गोबर की सड़ी हुई खाद को प्रति पौधे के हिसाब से देते रहना चाहिए | आम की खेती मे जेवीक खाद को जुलाई या अगस्त महीने मे 200 से 250 ग्राम एजोसपाइरिलम को 40 से 50 ग्राम गोबर की खाद मिलाकर थालों मे डालने से उत्पादन मे वृद्धि की जा सकती है |
सिंचाई कब करे
किसान भाइयों आम की खेती मे आम के बाग लगाने के पहले साल ही सिंचाई को 2 से 3 दिन के अंतराल पर आवश्यकता के अनुसार करनी चाहिए तथा जब तक पौधे के फल लगे तब तक नियमित रूप से 2 से 3 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए | आम की खेती में सिंचाई नालियों द्वारा थालो में ही करनी चाहिए जिससे जल की बचत भी हो सके |
गुड़ाई तथा खरपतवार नियंत्रण
किसान भाइयो आम की खेती में आम के बागो को साफ़ सुथरा रखने के लिए निराई व गुड़ाई व आम के बागो में प्रतिवर्ष दो से तीन बार जुताई जरुर कर देनी चाहिए जिससे खरपतवार व भूमिगत किट नष्ट हो जाते है तथा आम की खेती में आम के बागो को साफ़ सुथरा रखने के लिए आपको समय समय पर घास को भी हटाना जरुरी है |
रोग तथा रोगो का नियंत्रण
किसान भाइयों आम की खेती मे कई किस्म के रोग उत्पन्न होता है ओर इन रोगों का प्रबंधन करना भी जरूरी है जैसे की पहले आम के बाग मे पाउडरी मिल्ड्यू यह रोग उत्पन्न होता है ओर इसके बाद आम के बाग मे खर्रा ओर दहिया रोग भी उत्पन्न हो जाते है इन रोगों से आम के बागों को बचाने के लिए घुलनशील गंधक 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर जल मे या ट्राइमार्फ 1 मिली प्रतिलीटर जल या डाइनोकेप 1 मिली प्रति लीटर जल मे घोलकर प्रथम छिड़काव आम के फलों के फूल आने पर दूसरा छिड़काव तुरंत 10 से 12 दिन बाद तथा तीसरा छिड़काव दूसरे छिड़काव के 10 से 12 दिन बाद करना चाहिए |
आम की खेती मे आम की फसल को एंथरकनोज फ़ोम ब्लाइट डाइबेक तथा रेडरस्ट से बचाव करने के लिए कापर ऑक्सीकलोराइड 3 ग्राम मात्रा मे प्रति लीटर पानी मे घोलकर 10 से 12 दिन के अंतराल पर वर्षा ऋतु प्रारंभ होने पर काम से काम दो से तीन छिड़काव जरूर करना चाहिए| ताकि आम के पेड़ मे फल के लगने वाले फूल अच्छे से वृदी कर सके|
आम मे गुम्मा विकार या मालफमेरशन रोग भी उत्पन्न होता है इससे आम की फसल को बचाने के लिए कम प्रकोप होने पर एन.ए.ए. 200 पी. पी. एम. रसायन की 900 मिली प्रति 200 लीटर पानी घोलकर छिड़काव करना चाहिए |
आम के बागों मे उत्पन्न होने वाले कोयलिया रोग से आम की फसल को बचाने के लिए बोरेक्स या कास्टिक सोढा 10 ग्राम प्रति लीटर पानी मे घोलकर अवश्य छिड़काव करे तथा दूसरा छिड़काव 10 से 12 दिन के अंतराल पर करे |
किट तथा किटो पर नियंत्रण
किसान भाइयों आम की खेती मे आम के बागों मे कीटो का बहुत खतरा रहता आई जो की आम के फल के साथ साथ आम के पौधे को भी नुकसान पहुचाते है| आम मे भुगना फुदका किट, गुझिया किट, आम के फल खाने वाली सूँडी तथा तना भेदक किट, आम मे डासि मक्खी ये आदि किट आम की खेती करने पर फसल को नुकसान पहुचाते है | इन सभी किट रोगों से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा मे कीटनाशक दवाइयों का समय समय पर छिड़काव जरूर करते रहना चाहिए जिससे आम के फल तथा आम के पौधे दोनों इन कीटों से सुरक्षित रह सकरे ओर आम के बागों से आपको अच्छा उत्पादन मिलता रहे ओर अच्छा मुनाफा भी आप आम की खेती से कमा सको | इसलिए इन कीटो से आम के फलों तथा पौधों का बचाव जरूरी है |
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तुड़ाई का समय
किसान भाइयों आम की खेती मे आम के फलों की तुड़ाई आम के फल के पूरी तरह से पक जाने पर करनी चाहिए ताकि आम के फल मीठे प्राप्त हो ओर मीठे आम के फलों का अच्छा दाम भी आपको बाजारों मे मिल जाए| आम की खेती मे आम के फलों को 10 से 12 मिमी लंबी डंठल के द्वारा करनी चाहिए जिससे ताकि आम की फसल को स्टेम राट बीमारी से बचाया जा सके| तथा आम के फलों की तुड़ाई करते समय ध्यान रखे आम के फल मिट्टी के संपर्क मे न आए तथा फलों को चोट न लगे नहीं तो चोट लगे आम के अल मिट्टी के संपर्क मे आने से खराब हो सकते है तो इस बात का ध्यान जरूर रखे |
उत्पादन
किसान साथियों बात की जाए आम की खेती मे आम के फलों के उत्पादन की तो आपको बता दे आम के फलों का आप प्रति पेड़ 200 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त कर सकते है अगर आप आम के पौधे को रोगों तथा कीटो से सुरक्षित रखते है तो |
तो किसान भाइयों आम की आधुनिक खेती Aam Ki Kheti की सम्पूर्ण जानकारी आपको पसंद आई होगी पसंद आई है तो इसे अपने किसान मित्रों के साथ शेयर जरूर करे | अगर आम की खेती से संबंधित या इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेन्ट कर सकते है | लेख को पूरा पढ़ने के लिए शुक्रिया |
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